शिवतांडव एवं भौतिक विज्ञान
शिव का तांडव और भौतिकी: नटराज रूप में छिपे भौतिक सिद्धांत भारतीय संस्कृति में भगवान शिव का नटराज रूप न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भौतिकी के कई मूलभूत सिद्धांतों से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। यह अद्भुत संयोग है कि जो सत्य हमारे ऋषियों ने प्रतीकात्मक रूप में व्यक्त किया, वही आधुनिक विज्ञान के सिद्धांतों से भी मेल खाता है। शिव का तांडव केवल एक नृत्य नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की संपूर्ण प्रक्रिया का प्रतीक है—सृजन, संरक्षण और विनाश का सतत चक्र। यदि हम भौतिकी के परिप्रेक्ष्य से इसे देखें, तो इसमें गति के नियमों से लेकर ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत तक सब कुछ समाहित है। नटराज और न्यूटन के गति के नियम आइजैक न्यूटन के गति के तीनों नियम शिव के तांडव में स्पष्ट रूप से झलकते हैं। प्रथम नियम (जड़त्व का नियम) —नटराज की मुद्रा में शिव संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि जब तक कोई बाहरी बल न लगाया जाए, तब तक कोई वस्तु अपनी गति या विराम की अवस्था को बनाए रखती है। यह ब्रह्मांडीय संतुलन का प्रतीक है, जहाँ हर चीज अपने स्वाभाविक नियमों के अनुसार चलती है। द्वितीय न...